रविवार, 20 मई 2012

Uttrakhand Janmanch to approach Raj Thakare for common plateform

               Uttrakhand Janmanch to Oppose
                         Congress in by election
 To Join hands with MNS, AASU, AJSU &                Gorkha Janmukti Morcha for federalism  


Core committee  of Uttrakhand Janmanch had decided to oppose Congress in the forth coming by elections in Uttrakhand. Janmach accused Prime minister Manmohan Singh that he is sponsoring G.D.Agrwal's agitation. Janmanch alleged that P.M. is pushing  Uttrakhand towards a dead corner. The Core committee also also said that Centre government and UP want to get hold on the water resources of Uttrakhand.  Janmanch also decided to bring all vocal regional outfits including Maharashtra Nav Nirman Sena, All Assam Student Union, All Jharkhand Student Union and Gorkha Janmukti Morcha on a common plateform to protect the regional societies from the unregulated intrusion of outsiders in the states. 
The Core commitee also chalked out its strategy for Water Rights Agitation. Janmanch will participate rulek's dharna on 21 May at Gandhi Park. The meeting of Core committee presided by Rajen Todariya, Secretary General and conducted by Shashi Bhushan Bhatt, Working President.




        उपचुनाव में कांग्रेस का विरोध करेगा जनमंच
                   
                मनसे, आजसू ,आसू और गोर्खा जनमुक्ति मोर्चा
                        को एक मंच लाने का निर्णय


उत्तराखंड जनमंच ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है कि वह जीडी अग्रवाल के आंदोलन को प्रायोजित कर रही है। जनमंच नेताओं ने जीडी अग्रवाल के पास प्रधानमंत्री द्वारा दूत भेजे जाने पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि केंद्र और यूपी सरकार दोनों ही उ त्तराखंड को अपने जल संसाधनों के उपयोग करने से रोकना चाहते हैं। उन्होने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह इस सीमांत राज्य में पूर्वोत्तर जैसे हालात पैदा कर रहे हैंै। जनमंच ने कहा है कि यदि केंद्र सरकार ने पीपलकोटी,भैरोंघाटी और लोहारीनागपाला परियोजनाओं पर फिर से काम शुरु कराने का निर्णय नहीं लिया तो उत्तराखंड जनमंच उपचुनाव में कांग्रेस का विरोध करेगा। कोर कमेटी ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना, झारखंड के आजसू , असम के आॅल असम स्टूडेंट यूनियन और पश्चिम बंगाल के गोर्खा जनमुक्ति मोर्चा से संपर्क कर क्षेत्रीय मुद्दों पर एक साझा मंच बनाने के लिए प्रयास करने का भी निर्णय लिया है। संसद सतपाल महाराज द्वारा परियोजनाओं के समर्थन में लिए गए दृढ़ रुख की सराहना करते हुए एक प्रस्ताव भी बैठक में पारित किया गया।
हरिद्वार रोड पर स्थित एक वेडिंग प्वाइंट पर उत्तराखंड जनमंच की कोर कमेटी की बैठक में जीडी अग्रवाल के पास प्रधानमंत्री द्वारा दूत भेजे जाने के मसले पर विचार किया गया। बैठक में अगले छह महीनों में उत्तराखंड में जल संसाधनों पर अधिकार के सवाल पर एक बड़े जनाआंदोलन की रणनीति पर विचार किया गया। बैठक में वक्ताओं ने कहा कि जनमंच जीडी अग्रवाल और समाजवादी पार्टी के सांसद रेवती रमण सिंह, मेनका गांधी, राजेंद्र सिंह,गोविंदाचार्य द्वारा गंगा को लेकर चलाए जा रहें आंदोलन को जलयुद्ध और जल संसाधनों पर कब्जा करने की लड़ाई के रुप में देखता है। उन्होने कहा कि जीडी अग्रवाल के प्रति केंद्र सरकार का नरम रवैया भी इसी की पुष्टि करता है। वक्ताओं ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी उत्तराखंड को जल संसाधनों का उपयोग करने से रोकने के लिए जीडी अग्रवाल को प्रोत्साहित कर रहे हैं। जनमंच नंताओं ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार उत्तराखंड में पूर्वोत्तर जैसे हालात पैदा करने पर तुला है। इसी साजिश के तहत उत्तरकाशी को इको सेंसेटिव जोन घोषित किया गया है। इसके बाद चमोली से ऊपर के इलाके को भी इको सेंसेटिव जोन घोषित करने की साजिश भी की जा रही है। वक्ताओं ने कहा कि मैदानी राज्यों की इस साजिश के खिलाफ उत्तराखंड के लोगों को जागरुक करने और उत्तराखंड आंदोलन की तर्ज पर एक बड़ा आंदोलन छेड़े जाने की जरुरत पर जोर दिया। जनमंच की बैठक में भ्रष्ट अफसरों और नेताओं के खिलाफ राज्य सरकार द्वारा कोई कार्रवाई न किए जाने व यूपी निर्माण निगम को वापस यूपी न भेजे जाने पर भी असंतोष व्यक्त किया गया । कोर कमेटी में अगले छह महीने में जनमंच की रणनीति तय की गई। इसके तहत निर्णय लिया गया कि यदि केंद्र सरकार पीपलकोटी,भैरोंघाटी और लोहारीनाग पाला परियोजनाओं पर काम शुरु करने , उत्तरकाशी से आगे इको सेंसेटिव जोन घोषित करने और कांवड़ियों के गंगोत्री और गोमुख जाने पर पाबंदी लगाने की एक तरफा घोषणा नहीं करती तो जनमंच उपचुनाव में कांग्रेस का विरोध करेगा। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि जनमंच की सर्वोच्च परिषद के रुप में एक मार्गदर्शक मंडल के रुप में ‘‘लोक संसद’’ का गठन किया जाय। इस लोक संसद में पहाड़ी विचारधारा से जुड़े बुद्धिजीवी, प्राध्यापक, सेवानिवृत्त सैन्य व नागरिक सेवाओं के अधिकारी, कारोबारी,उद्योगपति,सामाजिक कार्यकर्ता,पत्र.कार,कवि, लेखक और प्रवासी विशेषज्ञ शामिल किए जांय। एक अन्य प्रस्ताव में जनमंच की राज्य कार्यकारिणी में सात प्रतिशत पद प्रवासी पहाड़ियों के लिए आरक्षित करने का प्रावधान किया गया है। मंुबई के जाने माने बुद्धिजीवी केशर सिंह बिष्ट को महाराष्ट्र और डीआर चमोली को दिल्ली के प्रवासियों को जोड़ने की जिम्मेदारी दी गई है। एक अन्य प्रस्ताव में जनमंच ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना, झारखंड के आजसू , असम के आॅल असम स्टूडेंट यूनियन, नेशनल कांफ्रेस, गोरखा जनमुक्ति मोर्चा, समेत देश के अन्य क्षेत्रीय दलों व संगठनों से भी संपर्क बढ़ाने और एक साझा मोर्चा बनाने की दिशा में कार्य करने का भी निर्णय लिया है। इसके लिए केशरसिंह बिष्ट और अरविंद पंत को जिम्मेदारी सौंपी गई है। बैठक में यह भी प्रस्ताव पारित किया गया कि जनमंच सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों के बीच भी विचाराधारा के प्रचार व प्रसार की मुहिम छेड़ेगा। बैठक में संसद में गंगा पर हुई बहस में सतपाल महाराज की भूमिका की सराहना करते हुए धन्यवाद प्रस्ताव पारित किया गया। कोर कमेटी ने सोमवार को स्वयंसेवी संगठन रुलक द्वारा आयोजित धरने में भी भाग लेने का निर्णय लिया है। बैठक में जनमंच के कार्यकारी अध्यक्ष शशि भूषण भट्ट, प्रमुख महासचिव राजेन टोडरिया, युवा प्रकोष्ठ के प्रभारी अरुण डिमरी, प्रदेश उप महामंत्री रघुभाई , संागठनिक मामलों के प्रभारी सूरन तोपवाल,उत्तराखंड महिला जनमंच की प्रभारी उर्मिला पंत, लोक संसद के प्रभारी बीपी नौटियाल भी मौजूद थे। 

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