बुधवार, 4 जनवरी 2012

BJP is facing unprecedented revolt in Uttrakhand





    बागियों के हल्ले से डोल रहा भाजपा का सिंहासन

देहरादून की बलबीर रोड आमतौर पर अपने बंगलों के भीतर सिमटे रहने वाले अभिजात लोगों या दुनिया के झमेलों से दूर रहकर अपनी रोजी रोटी का जुगाड़ करने लगे मध्यवर्ग के लोगों की बस्ती है। इस बस्ती के लोग न महंगाई के सवाल पर हंगामा करते हैं और न उत्तराखंड के सवालों पर मोर्चांबदी करते नजर आते हैं। अलबत्ता राजनीति समझते हैं पर बावजूद इसके नेताओं पर कुछ ज्यादा भरोसा नहीं करते। इसीलिए यह बस्ती अक्सर खामोश रहती है। एक खलने वाले मौन में मस्त! ल्ेकिन आजकल इस बस्ती में कोलाहल है। कोई किसी की सुनने को तैयार नहीं। सबके पास अपने गुस्से की वजह है। यह कोलाहल के आयोजन में इस बस्ती के लोगों के पराक्रम का कोई योगदान नहीं है। यह पूरा कोलाहल भाजपा मुख्यालय के सौजज्न्य से प्रसारित हो रहा है।यदि आपको आरएसएस की राष्ट्रवाद की गुगली घुट्टी और अनुशासन के सबकों की धज्जियां उड़ते देखना हो तो आजकल बलबीर रोड की सैर जरुर करें। यहां आजकल आपको कई देशप्रेमी भाजपानेताओं और आलाकमान की बखिया उधेड़ते हुए नजर आ जायेंगे। बलबीर रोड उत्तराखंड की आधुनिक राजनीति को समझने की सबसे बेहतर जगह है। हां,यही वह सड़क है जिसमें हर शाम भाजपा के नेता पत्रकारों और टीवी चैनलों के सामने दावा करते हैं कि राज्य में ईमानदार और बेहतर सरकार स्थापित करने का रास्ता यहीं से होकर गुजरता है।
लेकिन पूरे दिन इस सड़क पर गूंजते आलाकमान मुर्दाबाद के नारे बताते हैं कि अनुशासन और चरित्र निर्माण का जो मायावी तिलिस्म आरएसएस ने खड़ा किया था वह उसी के द्वारा दीक्षित किए गए कार्यकर्ताओं के पुरुषार्थ से खंड-खंड होकर बिखर रहा है। काश! बलबीर रोड पर बिखरे इन दृश्यों को गोलवलकर, दीनदयाल और श्यामाप्रसाद मुखर्जी भी देख पाते तो वे भी शायद उसी तरह भाजपा और आएसएस को विसर्जित करने पर आमादा हो जाते जिस तरह से गांधी कांग्रेस को विसर्जित होते देखना चाहते थे। भाजपा आजकल अभी तक के सबसे बड़ी बगावत से गुजर रही है। ऐसा कोई इलाका नहीं है जहां बगावत की बारुद की गंध न आ रही हो। हर विधानसभा क्षेत्र में बगावत की इतनी बारुदी सुरंगे बिछी हैं कि आपको लगेगा कि श्रीलंकाई तमिल विद्रोहियों के इलाके कहे जाने वाले जाफना से गुजर रहे हों। 
आज पूरे दिन भाजपा मुख्यालय में बागियों ने कोहराम मचाए रखा। कर्णप्रयाग के विधायक अनिल नौटियाल, मंत्री खजानदास, और कोटद्वार के विधायक शैलेंद्र रावत और सहसपुर से टिकट के दावेदार व सिंचाई मंत्री मातबर सिंह कंडारी के बेटे के समर्थकों की नारेबाजी से भाजपा की बुनियादें हिलती नजर आईं। कार्यकर्ताओं ने आलाकमान से लेकर राज्य भाजपा के नेताओं तक सबके खिलाफ जबरदस्त नारेबाजी ही नहीं की बल्कि उन्हे खूब बुरा-भला कहा।अभी यह शुरुआत है अभी भाजपा के और टिकटों के बारे में फैसला होना बाकी है। जब सभी दावेदारों के नाम क्लीयर हो जायेंगे तब भाजपा मुख्यालय के सामने क्रूा होगाइसकी कल्पना ही की जा सकती है। आज भी एक बार हालात इतने खराब हो गए थे कि प्रशासन पीएसी बुलाने जा रहा था।
BJP workers protesting at Party HQ in Dehradun, All  photos by Gaurav Kala, staff Reporter Janpaksh Today



1 टिप्पणी:

  1. har vyakti mahatawakankshi hota hai.par hamare wartman netao ko ek baar satta ka swad mil gaya to ye adam khor bagh ki tarah vyoahar karne lagte hai.hona ye chahiye ek baar chune jane ke baar Agli bar dusere ko ticket den chahiye.tabhi loktantra sthpit ho sakta hai .aur karyakarta bhi is biswas lage rahenge kiek din unhe bhi ticket mil sakta hai.phir aisa nazara kabhi dekhne ko nahi milega.

    जवाब देंहटाएं