मंगलवार, 11 सितंबर 2012

Undeclared Emergency is imposed in Tehri, Uttarkashi districts in Uttrakhand Civil Rights suspended

  Undeclared Emergency is imposed in Tehri,
                  
                     Civil Rights suspended

Election commission has imposed undeclared emergency in Tehri and Uttarkashi districts of Uttrakhand till the by election in Tehri loksabha seat completed. District Magistrate Tehri Ranjit Sinha today straight forward denied permission for procession against state government. He told the leaders of Uttrakhand Janmanch that Election Commission of India has directed that no permission should be granted for procession or dharna . He said that he is not going to give any permission for anti government rallies and dharnas. Uttrakhand Janmanch told him that Election Commission has no right to suspend the fundamental rights of a citizen of India. Janmanch 's Secretary General Rajen Todariya said on telephonic conversation with D.M. Tehri that state government or E.C.I. has no right to impose emergency or suspend  the civil rights. Todariya alleges that state government is misusing official  machinery for his electoral gains. He said that Election Commission should come forward and make his stand clear on this issue. He said it is a national issue and Janmanch will contact all civic organizations to oppose this extra constitutional emergency imposed by either by the E.C.I. or state Government.                 

     टिहरी जिले में अघोषित इमरजेंसी, नागरिक अधिकार स्थगित

मुख्यमंत्री के बेटे के चुनाव लड़ने की चर्चाओं के बीच टिहरी जिला प्रशासन ने आज एक अप्रत्याशित कदम उठाते हुए अगले एक महीने तक टिहरी जिले में जुलूस और प्रदर्शनों पर पाबंदी लगा दी है। टिहरी के जिलाधिकारी ने उत्तराखंड जनमंच के प्रमुख महासचिव राजेन टोडरिया को कहा कि जिला प्रशासन ऐसे किसी जुलूस और प्रदर्शन को अनुमति नहीं देगा जिसमें सरकार की आलोचना की जाय। उ त्तराखंड जनमंच ने इसकी कड़ी निंदा करते हुए कहा है कि चुनाव के नाम पर नागरिक अधिकारों को निलंबित करने की यह कार्रवाई सत्तारुढ़ पार्टी के इशारे पर टिहरी और उत्तरकाशी जिलों में अघोषित इमरजेंसी लगा दी गई। उन्होने कहा कि कांग्रेस ने यह कदम इसलिए उठाया है ताकि पहाड़ी क्षेत्रों में आम लोग सरकार और उसके मंत्रियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन न कर सकें। जनमंच ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त से फौरन हस्तक्षेप की मांग की है। उन्होने देश के सभी नागरिक अधिकार संगठनों और राजनीतिक दलों से अपील की है कि वे सत्तारुढ़ पार्टी के इशारे पर लागू की गई इस अघोषित इमरजेंसी के काले प्रावधानों का विरोध करने के लिए आगे आयें।
उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड जनमंच ने श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय में बाहरी कुलपति नियुक्त किए जाने के खिलाफ बादशाही थौल चंबा में जुलूस निकालकर प्रदर्शन करने का ऐलान किया था। इसी बीच उपचुनाव की घोषणा हो गई और चुनाव आचार संहिता लागू हो गई। इसे देखते हुए उत्तराखंड जनमंच का एक प्रतिनिधिमंडल कार्यकारी अध्यक्ष टिहरी के जिला अधिकारी से जुलूस और प्रदर्शन की अनुमति मांगने गया। जिस पर जिलाधिकारी ने अनुमति देने से साफ इंकार कर दिया। उन्होने कहा कि वह ऐसे किसी प्रदर्शन या जुलूस की अनुमति नहीं देंगे जिसमें राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी हो या उसके खिलाफ बोला जाय। इसके बाद आज शाम  उत्तराखंड जनमंच के प्रमुख महासचिव राजेन टोडरिया ने टिहरी के डीएम से बात कर उनसे कहा कि चुनाव आयोग के किस आदेश के तहत चुनाव क्षेत्र में निर्वाचन संपन्न होने तक नागरिक स्वतंत्रता और नागरिक अधिकारों को निलंबित रखे जाने का उल्लेख है। राजेन टोडरिया ने जिलाधिकारी टिहरी को यह भी बताया कि चुनाव आयोग को ऐसी कोई संवैधानिक शक्ति प्राप्त नहीं है कि वह संविधान के तहत दिए गए मौलिक अधिकारों को किसी अवधि के लिए स्थगित कर सके। उन्होने कहा कि केवल 1977 में लगाए गए आंतरिक आपात्काल की स्थिति में ही मौलिक अधिकारों को स्थगित किया जा सकता है। उन्होने जिलाधिकारी को कहा कि वह लिखकर दें कि निर्वाचन आयोग के निर्देशों के अनुसार टिहरी जिले में सरकार विरोधी जुलूसों,प्रदर्शनों,धरना इत्यादि पर पूर्ण प्रतिबंध है।इस पर जिलाधिकारी ने बताया कि उन्होने जनमंच के पत्र में अनुमति देने से लिखित इंकार कर उसे अतिरिक्त जिलाधिकारी को सौंप दिया है।
उत्तराखंड जनमंच ने इसकी निंदा करते हुए कहा है कि सत्तारुढ़ पार्टी राज्य में अपने खिलाफ बढ़ रहे जन असंतोष को दबाने के लिए प्रशासनिक मशीनरी का दुरुपयोग कर रही है। जनमंच ने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार उ त्तराखंड के तीन विश्वविद्यालयों में बाहरी कुलपतियों की नियुक्ति करने की तैयारी कर रही है इसलिए उसके इशारे पर बाहरी कुलपति के विरोध में जुलूस और प्रदर्शन की इजाजत नहीं दी जा रही है। जनमंच के प्रमुख महासचिव राजेन टोडरिया ने कहा कि टिहरी और उत्तरकाशी में इमरजेंसी थोपे जाने के खिलाफ जनमंच आवाज बुलंद करेगा । उन्होने कहा कि यदि आम लोगों को जुलूस और प्रदर्शन करने का अधिकार नहीं दिया गया तो उत्तराखंड जनमंच देश के नागरिक अधिकार संगठनों समेत सारे नागरिक व राजनीतिक संगठनों को उत्तराखंड के इस नागरिक अधिकार आंदोलन से जोड़ेगा। जनमंच के प्रमुख महासचिव ने कहा कि यदि जुलूस और प्रदर्शन का हक नहीं मिला तो उत्तराखंड जनमंच टिहरी उपचुनाव में टिहरी-उत्तरकाशी में इमरजेंसी लगाने वाली कांग्रेस को हराने की अपील के साथ मैदान में उतर जाएगा।

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